एलआईसी द्वारा शुरू की गई बीमा डायमंड योजना एक मनी बैक बीमा योजना है, जिसमें पालिसी धारक द्वारा हर 4 वर्ष पर एक नियमित राशि का भुगतान किया जाता है। यह एक नॉन-लिंक्ड (शेयर मार्केट के साथ जुड़ा नहीं है) बीमा योजना है लेकिन इस योजना के तहत आपको बोनस की सुविधा दी जाती है।
एलआईसी की बीमा डायमंड योजना एक क्लोज-एंडेड(निश्चित अवधि के लिए निवेश किए गए फंड्स) योजना है, जो 31 अगस्त 2017 तक विक्री के लिए उपलब्ध है।
अगर पालिसीधारक की मृत्यु पालिसी अवधि के पहले पांच वर्ष में होती है, तो उसके नॉमिनी को मृत्यु पर मिलनेवाले बीमित रकम का भुगतान किया जाएगा।
अगर पालिसीधारक की मृत्यु पालिसी अवधि के पहले पांच वर्ष के बाद और मैच्युरिटी(परिपक्वता) दिनाँक के पहले होती है, तो उसके नॉमिनी को मृत्यु पर मिलनेवाले बीमित रकम के साथ लॉयल्टी एडीशन्स का भी भुगतान किया जाएगा।
यहाँ मृत्यु पर मिलनेवाले बीमित रकम का अर्थ है,नीचे दिए गए विकल्पों में से अधिकतम,
यहाँ पर मिलनेवाला मृत्यु लाभ मृत्यु तक भरे हुए प्रीमियम के 105% से कम नहीं होना चाहिए।
अगर पालिसी धारक की मृत्यु एक्सटेंडेड(विस्तार) कवर पीरियड के दौरान होती है तो, एक राशि जो बीमित रकम की 50% होगी वो पालिसी धारक की दी जाएगी।
सर्वाइवल और मैच्युरिटी(परिपक्वता) लाभ(बीमित रकम का %) | ||||||
4थे वर्ष | 8वें वर्ष | 12वें वर्ष | 16वें वर्ष | 20वें वर्ष | 24 वें वर्ष | |
विकल्प1- पालिसी अवधि = 16 वर्ष | 15% | 15% | 15% | 55% | ||
विकल्प2- पालिसी अवधि = 20 वर्ष | 15% | 15% | 15% | 15% | 40% | |
विकल्प3- पालिसी अवधि = 24 वर्ष | 12% | 12% | 12% | 12% | 12% | 40% |
पालिसी अवधि के दौरान अगर पालिसी धारक, दिए हुए निश्चित अवधियों के अंत तक जीवित रहता है तो उसे बीमित रकम के एक निश्चित प्रतिशत का भुगतान किया जाएगा।(बस उसने बकाया प्रीमियम का भुगतान किया हो)
विभिन्न पालिसी अवधियों के लिए बीमित रकम का निश्चित प्रतिशत इस प्रकार होगा।
16 वर्ष की पालिसी अवधि के लिए: 4थें, 8वें और 12वें वर्ष के अंत में, मूल बीमित रकम का 15%
20 वर्ष की पालिसी अवधि के लिए: 4थें, 8वें, 12वें और 16वें वर्ष के अंत में, मूल बीमित रकम का 15%
24 वर्ष की पालिसी अवधि के लिए: 4थें, 8वें, 12वें, 16वें और 20वें वर्ष के अंत में, मूल बीमित रकम का 12%
अगर आपने 20 वर्ष के लिए Rs. 2,00,000 बीमित रकम के साथ एलआईसी की बीमा डायमंड योजना में निवेश किया है, तो आपको मिलनेवाले लाभ का भुगतान इस प्रकार होगा।
4थें वर्ष के अंत में मिलनेवाला सर्वाइवल लाभ = Rs.30,000
8वें वर्ष के अंत में मिलनेवाला सर्वाइवल लाभ = Rs.30,000
12वें वर्ष के अंत में मिलनेवाला सर्वाइवल लाभ = Rs.30,000
16वें वर्ष के अंत में मिलनेवाला सर्वाइवल लाभ = Rs.30,000
20वें वर्ष के अंत में मिलनेवाला परिपक्वता लाभ = Rs.80,000
अगर पालिसी धारक पूरे पालिसी अवधि तक जीवित रहता है और उसने सारे बकाया प्रीमियम भरे हैं तो, उसे मैचुरिटी पर मिलनेवाला बीमित रकम के साथ लॉयल्टी एडिशन्स का भुगतान भी किया जाएगा।
16 वर्ष की पालिसी अवधि के लिए मूल बीमित रकम का 55%
20 और 24 वर्ष की पालिसी अवधि के लिए मूल बीमित रकम का 40%
अगर पालिसी धारक ने मृत्यु तक या पालिसी के मैच्योर होने तक के सभी प्रीमियम का भुगतान किया है, तो एलआईसी के परिक्षण के आधार पर उसे बोनस का लाभ लॉयल्टी एडिशन्स के रूप में दिया जाएगा। लॉयल्टी एडीशन्स को, पालिसी में 5 वर्ष में बने रहने के बाद अगर पालिसी धारक की मृत्यु होती है तो अथवा मैच्युरिटी(परिपक्वता) पर दिया जाता है। इसकी दर एलआईसी द्वारा रिर्धारित की जाती है।
इसके अतिरिक्त अगर आप पालिसी सरेंडर करते हैं और आपने सरेंडर तक सारे प्रीमियम भरे हैं, तो भी एलआईसी आपको स्पेशल सरेंडर मुल्य के साथ लॉयल्टी एडीशन्स देने पर विचार कर सकती है।
पालिसी धारक के पास नीचे दिए गए राइडर्स लेने के विकल्प उपलब्ध है,
राइडर्स का बीमित रकम कभी भी मूल बीमित रकम से अधिक नहीं हो सकता।
आपके करयुक्त तनख्वाह से हर वर्ष जीवन बीमा के Rs. 1,50,000 तक के प्रीमियम भुगतान पर आयकर की धारा 80C के तहत छूट दी जाती है। मृत्यु लाभ तथा मैच्युरिटी लाभ भी आयकर की धारा 10(10D) के तहत करमुक्त होती है।
न्यूनतम | अधिकतम | |
बीमित रकम (Rs) | 1,00,000 | 5,00,000 |
पालिसी अवधि(वर्ष में) | 16, 20 तथा 24 | |
प्रीमियम भुगतान की अवधि(वर्ष) | 10(16 के लिए), 12(20 के लिए) तथा 15(24 के लिए) | |
पालिसी धारक की प्रवेश आयु | 14 | 50 |
परिपक्वता पर आयु | - | 66(16 वर्ष की पालिसी अवधि के लिए) 65(20 वर्ष की पालिसी अवधि के लिए) 65(24 वर्ष की पालिसी अवधि के लिए) |
भुगतान मोड | मासिक(ECS), तिमाही, छमाही और वार्षिक |
इस योजना के तहत आप लोन तभी ले सकते हैं जब आपकी पालिसी सरेंडर मुल्य के योग्य हो गई हो। पालिसी लोन पर लगनेवाले ब्याज की दर निश्चित अंतराल एलआईसी द्वारा तय की जाती है।
प्रभावी पॉलिसियों के लिए: सरेंडर मुल्य का 90%
पेड अप पॉलिसियों के लिए: सरेंडर मुल्य का 80%
लोन की मंजूरी, एलआईसी द्वारा समय समय पर दिए गे दिशा निर्देशों पर निर्भर करता है। अगर पालिसी धारक द्वारा कोई लोन बकाया है, तो एलआईसी द्वारा उसे सर्वाइवल लाभ या परिपक्वता लाभ में से काट लिया जाएगा।
सरेंडर मुल्य: अगर पालिसी धारक ने 3 साल तक प्रीमियम भरा है तो वह पालिसी को सरेंडर कर सकता है और सरेंडर मुल्य प्राप्त कर सकता है। सरेंडर करने पर गारंटीड सरेंडर मुल्य या स्पेशल सरेंडर मुल्य दोनों में से जो अधिक है वो देय होता है। इसकी गणना इस प्रकार की जाती है।
गारंटीड सरेंडर मुल्य =(गारंटीड सरेंडर मुल्य फैक्टर*कुल भरा हुआ प्रीमियम+बोनस का गारंटीड सरेंडर मुल्य फैक्टर*जमा हुआ बोनस)
स्पेशल सरेंडर मुल्य, कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन पर निर्भर करता है, इसकी गणना इस प्रकार है,
(पेड-अप बीमित रकम + जमा हुआ बोनस) * स्पेशल सरेंडर मुल्य फैक्टर
ग्रेस अवधि:
हर तय तारीख पर आपको प्रीमियम भरना आवश्यक होता है। अगर किसी कारणवश आप तय तारीख पर प्रीमियम नहीं भर पाए तो, आपको बकाया प्रीमियम भरने के लिए एक अतिरिक्त समय दिया जाता है। यह अतिरिक्त समय वार्षिक, छमाही और तिमाही मोड पे प्रीमियम का भुगतान करनेवाले पालिसी धारकों के लिए, 30 दिन का होता है। मासिक प्रीमियम भरने वाले पालिसी धारकों को 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाता है।