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एलआईसी जीवन लाभ योजना नं. 836

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एलआईसी जीवन लाभ योजना

एलआईसी की जीवन लाभ योजना एक सीमित प्रीमियम भुगतान के साथ, नॉन-लिंक्ड(शेयर मार्केट पर आधारित नहीं ) लाभ योजना है। मृत्यु अथवा मैचुरिटी(परिपक्वता) पर यह योजना आपके परिवार (नॉमिनी) या आपको (पालिसी धारक) को बीमित रकम के रूप में सुरक्षा के साथ लाभ भी प्रदान करती है। इसके साथ ही नॉमिनी को या पालिसी धारक को सिंपल रिवेर्सनरी बोनस तथा फाइनल एडीशन बोनस(अगर कुछ है तो) का भुगतान भी किया जाता है।

 

प्रारंभ तिथि तालिका संख्या प्रोडक्ट का प्रकार बोनस युआईएन
04 जनवरी, 2016 836 एंडोमेंट हाँ 512N304V01



 

एलआईसी जीवन लाभ योजना में सहभागी होने की शर्तें तथा प्रतिबन्ध:

 

  न्यूनतम अधिकतम
बीमित रकम (Rs) 2,00,000 कोई सीमा नहीं
पालिसी धारक की प्रवेश आयु 8 वर्ष(पूर्ण) 59 वर्ष(निकटतम जन्म तिथि से) - 16 वर्ष की पालिसी अवधि के लिए
54 वर्ष(निकटतम जन्म तिथि से) - 21 वर्ष की पालिसी अवधि के लिए
50 वर्ष(निकटतम जन्म तिथि से) - 25 वर्ष की पालिसी अवधि के लिए
अधिकतम परिपक्वता आयु 75 वर्ष
पालिसी अवधि/ प्रीमियम भुगतान की अवधि (16/10) वर्ष
(21/15) वर्ष
(25/16) वर्ष
प्रीमियम भुगतान की विधि वार्षिक, छमाही, तिमाही और मासिक(ECS) विधि द्वारा

 

यह काम कैसे करता है:

 

वो लोग जो 8 से 59 वर्ष की उम्र सीमा के बीच आते हैं, इस योजना में निवेश कर सकते हैं। इस योजना में 16,21 तथा 25 वर्ष की अवधि के लिए निवेश किया जा सकता है। चूँकि यह योजना, सीमित प्रीमियम भुगतान की योजना है, तो इसमें प्रीमियम भुगतान की अवधि हमेशा पालिसी अवधि या मैच्युरिटी अवधि से कम होती है। पालिसी अवधि के हिसाब से प्रीमियम भुगतान की अवधि इस प्रकार होगी,

 

  पालिसी अवधि और प्रीमियम पालिसी अवधि प्रीमियम भुगतान की अवधि
16 वर्ष 10 वर्ष
21 वर्ष 15 वर्ष
25 वर्ष 16 वर्ष

 

एलआईसी जीवन लाभ योजना की मुख्य विशेषताएँ:

  • सीमित प्रीमियम भुगतान का अर्थ है, प्रीमियम भुगतान की अवधि का पालिसी अवधि या मैच्युरिटी अवधि से कम होना।
  • पालिसी धारक द्वारा लक्ष्य के साथ योजना बनाने के लिए 16, 21, तथा 25 वर्ष की अवधि के साथ योजना उपलब्ध।
  • एक ही समय पर सुरक्षा के साथ निश्चित रिटर्न की सुविधा उपलब्ध।
  • तीन वर्ष तक प्रीमियम भरने के बाद, इस योजना में लोन की सुविधा उपलब्ध।
  • दुर्घटना मृत्यु तथा दिव्यांगता लाभ राइडर के रूप में एड-ऑन राइडर्स उपलब्ध।
  • भरे जानेवाले प्रीमियम पर आयकर की धारा 80C के तहत कर में छूट उपलब्ध। (अधिकतम 1,50,000)
  • आयकर की धारा 10(10D) के तहत, मैच्युरिटी(परिपक्वता) राशि पर कर कर में छूट।

 

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एलआईसी जीवन लाभ के तहत लाभ:

मृत्यु लाभ: आगर पालिसी धारक की मृत्यु, पालिसी अवधि के दौरान होती है और उसने मृत्यु तक सभी प्रीमियम का भुगतान किया है, तो उसके नॉमिनी को मृत्यु लाभ के रूप में मृत्यु पर मिलनेवाला बीमित रकम + सिंपल रिवर्सनरी बोनस + फाइनल एडीशन बोनस(अगर कुछ है तो) का भुगतान किया जाता है।

 

यहाँ पर मृत्यु पर मिलनेवाले बीमित रकम का अर्थ इनमें से जो अधिक हो, वो होता है।

  • वार्षिक प्रीमियम का 10 गुणा
  • मूल बीमित रकम

यहाँ पर मिलनेवाला मृत्यु लाभ पालिसी धारक की मृत्यु तक भरे हुए कुल प्रीमियम के 105 % से कम नहीं होना चाहिए।

मैच्युरिटी लाभ:  अगर पालिसी धारक पूरे पालिसी अवधि तक जीवित रहता है और उसने मैच्युरिटी तक सभी प्रीमियम का भुगतान  किया है, तो मैच्युरिटी पर उसे बीमित रकम के साथ सिंपल रिवेर्सनरी बोनस और फाइनल एडीशन बोनस का भुगतान किया जाता है।

एलआईसी जीवन लाभ मैचुरिटी कैल्कुलेटर:

इस कैल्कुलेटर का उपयोग कर आप एलआईसी जीवन लाभ योजना में मिलनेवाले मैच्युरिटी (परिपक्वता) लाभ का निर्धारण कर सकते हैं। एलआईसी जीवन लाभ योजना में मिलनेवाले मैच्युरिटी (परिपक्वता) लाभ की रकम पूरी तरह से करमुक्त होती है।

 

LIC Jeevan Labh Maturity Value Calculator
Calculate the maturity amount of LIC Jeevan Labh
What is the Sum Assured in your plan?
Rs.
What is the Policy Term?
years
Month and year of purchase
Calculate

 

एलआईसी जीवन लाभ योजना में राइडर लाभ:

दिव्यांगता लाभ राइडर: एक मामूली सी अतिरिक्त राशि का भुगतान करके इस पालिसी के तहत पालिसी धारक को दुर्घटना मृत्यु तथा दिव्यांगता लाभ जैसे एड-ऑन कवर का लाभ मिल सकता है। यह राइडर नाबालिकों के लिए उपलब्ध नहीं है। पर जैसे ही पालिसी धारक की उम्र 18 वर्ष हो जाती है, इस राइडर का लाभ उठाया जा सकता है।

 

न्यू टर्म अस्सुरंस राइडर:  इसके तहत अगर पालिसी अवधि के दौरान, पालिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो  उसे एक अतिरिक्त रकम जो जो “टर्म अस्सुरंस बीमित रकम” के बराबर होती है, का भुगतान किया जाता है।(बस राइडर कवर प्रभाव में हो)। इस राइडर के तहत अधिकतम कवर 25 लाख का है।

क्या होता है जब आप एलआईसी की जीवन लाभ योजना में प्रीमियम का भुगतान रोक देते हैं?

ग्रेस पीरियड: हर तय तारीख पर आपको प्रीमियम भरना आवश्यक होता है। अगर किसी कारणवश आप तय तारीख पर प्रीमियम नहीं भर पाए तो, आपको बकाया प्रीमियम भरने के लिए एक अतिरिक्त समय दिया जाता है। यह अतिरिक्त समय उन पालिसी धारकों के लिए जो, वार्षिक, छमाही और तिमाही मोड पे प्रीमियम का भुगतान करते हैं, 30 दिन का होता है। मासिक प्रीमियम भरने वाले पालिसी धारकों को 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाता है।

 

पेड अप मुल्य : अगर ग्रेस(रियायती) समय में भी प्रीमियम का भुगतान नहीं किया जाता है, तो पालिसी बंद हो जाती है। अगर कम से कम तीन वर्षों के प्रीमियम का भुगतान किया गया है, तो तो पालिसी, पेड अप पालिसी में बदल जाती है। इस पेड अप पालिसी में मिलनेवाली राशि के भुगतान की गणना इस प्रकार है, बीमित रकम को भुगतान की गई प्रीमियम और वास्तविक देय प्रीमियम के अनुपात से कम किया जाता है। इस गणना से जो रकम मिलती है उसमें जमा हुआ बोनस भी जोड़ा जाता है। पेड अप पालिसी में भविष्य में मिलनेवाला बोनस नहीं जोड़ा जाता है। और इस पेड अप रकम का भुगतान एलआईसी द्वारा मैचुरिटी(परिपक्वता) या मृत्यु पर किया जाता है। पेड अप मूल्य वाली इस बीमित रकम से, मृत्यु लाभ और मैच्युरिटी(परिपक्वता) लाभ की गणना की जाती है.

 

मृत्यु पेड -अप बीमित रकम = कम हुए बीमित रकम का 110% + कम हुए बीमित रकम का 10% (आय लाभ)

परिपक्वता पेड-अप बीमित रकम = मैचुरिटी(परिपक्वता) पर बीमित रकम * (भरे हुए प्रीमियम की संख्या/कुल देय प्रीमियम की संख्या)

 

इसके आलावा, यदि आपने 3 वर्ष का प्रीमियम भरा है और पालिसी बंद हो गई है, ऐसे में अगर पालिसी धारक की मृत्यु पालिसी बंद होने के 6 महिने के भीतर हो जाती है तो नॉमिनी को उस साल का बकाया प्रीमियम काटकर बाकी पूरा मृत्यु लाभ मिलेगा।

 

अगर आपने 5 साल तक प्रीमियम भरा है और पालिसी बंद हो गई है, ऐसे में यदि पालिसी बंद होने के 12 महिने के भीतर पालिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो, नॉमिनी को बकाया प्रीमियम काटकर पूरा मृत्यु लाभ मिलेगा।

 

सरेंडर मुल्य: अगर पालिसी धारक ने 3 साल तक प्रीमियम भरा है तो  वह पालिसी को सरेंडर कर सकता है और सरेंडर मुल्य प्राप्त कर सकता है। सरेंडर करने पर गारंटीड सरेंडर मुल्य या स्पेशल सरेंडर मुल्य दोनों में से जो अधिक है वो देय होता है। इसकी गणना इस प्रकार की जाती है।

 

गारंटीड सरेंडर मुल्य = (गारंटीड सरेंडर मुल्य फैक्टर*कुल भरा हुआ प्रीमियम+बोनस का गारंटीड सरेंडर मुल्य फैक्टर*जमा हुआ बोनस)

 

स्पेशल सरेंडर मुल्य, कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन पर निर्भर करता है, इसकी गणना इस प्रकार है,

 

(पेड-अप बीमित रकम + जमा हुआ बोनस) * स्पेशल सरेंडर मुल्य फैक्टर

रिवाइवल: जो पालिसी बंद हो गई है और पेड अप बेसिस पर है, उनको रिवाइव किया जा सकता है। यह रिवाइवल पालिसी बंद होने के दो वर्ष के अन्दर किया जा सकता है। पालिसी रिवाइव करने के लिए, बकाया प्रीमियम और अगर उसपर कोई ब्याज है तो वह देय होगा।

 

फ्री लुक पीरियड: अगर पालिक धारक इस योजना से खुश नहीं है तो, वह इसे खरीदने के 15 दिन के भीतर इसे रद्द करवा सकता है। पालिसी रद्द होने पर बिना किसी खर्च के पूरी रकम आपको वापस मिल जाती है।

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