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एलआईसी की जीवन लक्ष्य योजना एक ट्रेडिशनल बचत योजना है, जो एक ही समय पर आपको सुरक्षा के साथ बचत भी प्रदान करता है। इस योजना के दौरान पालिसी धारक को मिलनेवाला मृत्यु लाभ वार्षिक इंस्टालमेंट में दिया जाता है, जो पालिसी धारक की मृत्यु के बाद उसके परिवार की वित्तीय जरूरतों को पूरा करता है। पालिसी धारक की मृत्यु के मामले में वार्षिक भुगतान के अलावा पालिसी अवधि के अंत में अतिरिक्त 110% की कवर राशि का भुगतान भी नॉमिनी को किया जाता है। इस योजना में आपको हर साल एलआईसी द्वारा घोषित किए गए बोनस का लाभ भी मिलता है।
इस योजना के साथ आप दो अतिरिक्त राइडर भी ले सकते हैं।
“दुर्घटना मृत्यु राइडर” और “दिव्यांग लाभ राइडर”
“न्यू टर्म अस्सुरैंस राइडर”
प्रारंभ तिथि | तालिका संख्या | प्रोडक्ट का प्रकार | बोनस | युआईएन |
12 मार्च, 2015 | 833 | एंडोमेंट | हाँ | 512N289V01 |
पालिसी खरीदते वक्त पालिसी धारक, कवर अमाउंट (बीमित रकम) और पालिसी की अवधि का चुनाव करता है। आपको प्रीमियम, पालिसी अवधि से तीन वर्ष कम तक भरना है(पालिसी अवधि-3 वर्ष)। अगर पालिसी धारक पूरे पालिसी अवधि तक जीवित रहता है तो, मैचुरिटी(परिपक्वता) पर पालिसी धारक को उसके द्वारा चुना हुआ बीमित रकम और जमा हुआ बोनस वापस मिलता है। अगर पालिसी धारक की मृत्यु पालिसी अवधि के दौरान हो जाती है तो, मृत्यु लाभ के रूप में नॉमिनी को बीमित रकम का 10% वार्षिक इंस्टालमेंट के तौर पर दिया जाता है। इसके साथ ही पालिसी अवधि के अंत में बीमित रकम का 110%(रिवर्सनरी बोनस और फाइनल एडिशन बोनस के साथ) नॉमिनी को दिया जाता है।
इसे ठीक से समझने के लिए, एलआईसी जीवन लक्ष्य योजना की कार्यप्रणाली को हम उदहारण के साथ समझायेंगे,
राहुल (उम्र 30 वर्ष) यह प्लान 20 वर्ष के लिए 5 लाख बीमित रकम के साथ खरीदता है। इसके लिए वह नियमित रूप से वार्षिक प्रीमियम देता है। इस पालिसी के हिसाब से उसका वार्षिक प्रीमियम Rs. 28,107(कर सहित) होगा। उसे इस प्रीमियम को 17 साल की अवधि तक भरना होगा। प्रीमियम भरने के अवधि=(पालिसी अवधि - 3 वर्ष)
सिनेरिओ(परिदृश्य1): 10 प्रीमियम भरने के बाद राहुल की मृत्यु हो जाती है। इस मामले में, राहुल के नॉमिनी को मृत्यु लाभ इस प्रकार मिलेगा,
बीमित रकम का 10% अर्थात Rs. 50,000(5 लाख का 10%= Rs. 50,000)
यह रकम वार्षिक आय लाभ के रूप में हर वर्ष नॉमिनी को मिलेगा। यह लाभ नॉमिनी को पालिसी के ग्यारहवें वर्ष (अर्थात मृत्यु के अगले वर्ष )से शुरू होगा और उन्नीसवें वर्ष(मैचुरिटी से एक वर्ष पहले) तक मिलेगा।
मैचुरिटी(परिपक्वता) पर, बीमित रकम का 110% अर्थात Rs. 5.5 लाख (5 लाख का 110%=5.5 लाख) नॉमिनी को मिलेगा। इसके अतिरिक्त सिंपल रीवर्जनरी बोनस और फाइनल एडीशन बोनस जो की एलआईसी द्वारा घोषित किया जाता है, उसका भी भुगतान नॉमिनी को किया जाएगा।
सिनेरिओ(परिदृश्य2): अगर राहुल पालिसी अवधि (20 वर्ष) के अंत तक जीवित रहते हैं तो,
इस मामले में राहुल को, बीमित रकम(Rs. 5 लाख) और जमा हुआ सिंपल रीवर्जनरी बोनस और फाइनल एडीशन बोनस का भुगतान किया जाएगा। और योजना समाप्त हो जाएगी।
तो, इस योजना के लाभ इस प्रकार हैं,
मैचुरिटी(परिपक्वता) लाभ: अगर पालिसी धारक ने बचे हुए सारे प्रीमियम भरे हैं और वो जीवित है तो, पालिसी मैच्योर(परिपक्व) होने पर उसे बीमित रकम + सिंपल रीवर्जनरी बोनस + फाइनल एडीशन बोनस(कुछ है तो) का भुगतान किया जाएगा।
मृत्यु लाभ: अगर पालिसी अवधि में पालिसी धारक की मृत्यु होती है और उसने अपने मृत्यु तक के सारे प्रीमियम का भुगतान किया है तो उसे, “मृत्यु पे बीमित रकम” + जमा हुआ सिंपल रीवर्जनरी बोनस + फाइनल एडीशन बोनस(कुछ है तो) का भुगतान एलआईसी द्वारा होगा।
यहाँ पर “मृत्यु पर बीमित रकम” का अर्थ निम्नलिखित का योग होता है:
बीमित रकम का 10% वार्षिक आय लाभ के रूप में हर वर्ष नॉमिनी को मिलता है। यह मृत्यु के अगले वर्ष से शुरू होता है और मैचुरिटी से एक वर्ष पहले तक मिलता है।
पूर्ण अस्योर्ड रकम:
मैचुरिटी(परिपक्वता) पर, बीमित रकम का 110% नॉमिनी को मिलता है।
बोनस:
इसके अतिरिक्त सिंपल रीवर्जनरी बोनस और फाइनल एडीशन बोनस जो की एलआईसी द्वारा घोषित किया जाता है, उसका भी भुगतान नॉमिनी को किया जाता है।
नॉमिनी को दिया गया मृत्यु लाभ, अब तक भरे हुए प्रीमियम से 105% से कम नहीं होना चाहिए।
कम से कम |
अधिक से अधिक |
|
बीमित रकम (रु) |
1,00,000 |
कोई सीमा नहीं |
पालिसी की अवधि(वर्ष) |
12 से 25 |
|
प्रीमियम भुगतान की अवधि(वर्ष) |
पालिसी अवधि - 3 वर्ष |
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पालिसी धारक की प्रवेश आयु |
18 वर्ष |
50 वर्ष |
मैच्युरिटी(परिपक्वता) आयु |
- |
65 वर्ष |
भुगतान मोड |
वार्षिक, छमाही, तिमाही, मासिक(ESS मोड) और SSS |
बीमित रकम Rs. 10,000 के गुणक में होने चाहिए।
प्रीमियम का भुगतान: इस योजना में भरे जानेवाले प्रीमियम पर आयकर की धारा 80C के तहत छूट दी जाती है। अधिक से अधिक इसमें आपको Rs. 1.5 लाख पर छूट मिल सकती है।
मैचुरिटी(परिपक्वता) और मृत्यु क्लेम: इस योजना में मिलनेवाले मैच्युरिटी या मृत्यु लाभ की राशि पर आयकर की धारा 10(10D) के तहत छूट दी गई है। इस योजना के तहत मिलनेवाले लाभ राशि की कोई सीमा नहीं है।
यह एक ऑफलाइन योजना है, जो कंपनी के बिचौलियों अर्थात एजेंट या ब्रोकर से खरीदा जा सकता है। इसे कंपनी की किसी शाखा में जाकर या कंपनी के किसी अधिकारी के माध्यम से भी खरीदा जा सकता है।
NRIs (अनिवासी भारतीय) इस योजना में निवेश नहीं कर सकते।
एलआईसी की न्यू बीमा बचत योजना खरीदने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने' की आवश्यकता होती है।
ग्रेस पीरियड: हर तय तारीख पर आपको प्रीमियम भरना आवश्यक होता है। अगर किसी कारणवश आप तय तारीख पर प्रीमियम नहीं भर पाए तो, आपको बकाया प्रीमियम भरने के लिए एक अतिरिक्त समय दिया जाता है। यह अतिरिक्त समय उन पालिसी धारकों के लिए जो, वार्षिक, छमाही और तिमाही मोड पे प्रीमियम का भुगतान करते हैं, 30 दिन का होता है। मासिक प्रीमियम भरने वाले पालिसी धारकों को 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाता है।
पेड अप मुल्य : अगर ग्रेस(रियायती) समय में भी प्रीमियम का भुगतान नहीं किया जाता है, तो पालिसी बंद हो जाती है। अगर कम से कम तीन वर्षों के प्रीमियम का भुगतान किया गया है, तो तो पालिसी, पेड अप पालिसी में बदल जाती है। इस पेड अप पालिसी में मिलनेवाली राशि के भुगतान की गणना इस प्रकार है, बीमित रकम को भुगतान की गई प्रीमियम और वास्तविक देय प्रीमियम के अनुपात से कम किया जाता है। इस गणना से जो रकम मिलती है उसमें जमा हुआ बोनस भी जोड़ा जाता है। पेड अप पालिसी में भविष्य में मिलनेवाला बोनस नहीं जोड़ा जाता है। और इस पेड अप रकम का भुगतान एलआईसी द्वारा मैचुरिटी(परिपक्वता) या मृत्यु पर किया जाता है। पेड अप मूल्य वाली इस बीमित रकम से, मृत्यु लाभ और मैच्युरिटी(परिपक्वता) लाभ की गणना की जाती है.
मृत्यु पेड -अप बीमित रकम = कम हुए बीमित रकम का 110% + कम हुए बीमित रकम का 10% (आय लाभ)
परिपक्वता पेड-अप बीमित रकम = मैचुरिटी(परिपक्वता) पर बीमित रकम * (भरे हुए प्रीमियम की संख्या/कुल देय प्रीमियम की संख्या)
इसके आलावा, यदि आपने 3 वर्ष का प्रीमियम भरा है और पालिसी बंद हो गई है, ऐसे में अगर पालिसी धारक की मृत्यु पालिसी बंद होने के 6 महिने के भीतर हो जाती है तो नॉमिनी को उस साल का बकाया प्रीमियम काटकर बाकी पूरा मृत्यु लाभ मिलेगा।
अगर आपने 5 साल तक प्रीमियम भरा है और पालिसी बंद हो गई है, ऐसे में यदि पालिसी बंद होने के 12 महिने के भीतर पालिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो, नॉमिनी को बकाया प्रीमियम काटकर पूरा मृत्यु लाभ मिलेगा।
सरेंडर मुल्य: अगर पालिसी धारक ने 3 साल तक प्रीमियम भरा है तो वह पालिसी को सरेंडर कर सकता है और सरेंडर मुल्य प्राप्त कर सकता है। सरेंडर करने पर गारंटीड सरेंडर मुल्य या स्पेशल सरेंडर मुल्य दोनों में से जो अधिक है वो देय होता है। इसकी गणना इस प्रकार की जाती है।
गारंटीड सरेंडर मुल्य = (गारंटीड सरेंडर मुल्य फैक्टर*कुल भरा हुआ प्रीमियम+बोनस का गारंटीड सरेंडर मुल्य फैक्टर*जमा हुआ बोनस)
स्पेशल सरेंडर मुल्य, कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन पर निर्भर करता है, इसकी गणना इस प्रकार है,
(पेड-अप बीमित रकम + जमा हुआ बोनस) * स्पेशल सरेंडर मुल्य फैक्टर
रिवाइवल: जो पालिसी बंद हो गई है और पेड अप बेसिस पर है, उनको रिवाइव किया जा सकता है। यह रिवाइवल पालिसी बंद होने के दो वर्ष के अन्दर किया जा सकता है। पालिसी रिवाइव करने के लिए, बकाया प्रीमियम और अगर उसपर कोई ब्याज है तो वह देय होगा।
फ्री लुक पीरियड: अगर पालिक धारक इस योजना से खुश नहीं है तो, वह इसे खरीदने के 15 दिन के भीतर इसे रद्द करवा सकता है। पालिसी रद्द होने पर बिना किसी खर्च के पूरी रकम आपको वापस मिल जाती है।
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