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एलआईसी की जीवन आनंद योजना एक ट्रेडिशनल योजना है, जो आपको एक ही समय
पर बचत के साथ सुरक्षा भी प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत आपको बोनस भी मिलता है। इस योजना के तहत रिस्क कवर, पालिसी अवधि के बाद भी जारी रहता है। अगर पालिसी धारक की मृत्यु, पालिसी अवधि ख़त्म होने के बाद होती है, तो भी उसे मृत्यु लाभ का भुगतान किया जाता है।
प्रारंभ तिथि |
तालिका संख्या |
प्रोडक्ट का प्रकार |
बोनस |
युआईएन |
9 अक्टूबर, 2013 |
815 |
एंडोमेंट |
हाँ |
512N279V01 |
पालिसी खरीदते वक्त पालिसी धारक, कवर अमाउंट (बीमित रकम) और पालिसी की अवधि का चुनाव करता है। पालिसी धारक की उम्र, पालिसी अवधि और बीमित रकम के आधार पर प्रीमियम का निर्धारण किया जाता है। चुने हुए प्रीमियम का भुगतान पालिसी धारक को पूरे पालिसी अवधि तक करना होता है।
अगर पालिसी धारक ने सारे प्रीमियम भरे हैं और पालिसी अवधि के अंत तक वह जीवित रहता है तो, एलआईसी द्वारा उसे मैच्युरिटी(परिपक्वता) लाभ का भुगतान किया जाता है।
इस योजना के तहत मैच्युरिटी (परिपक्वता) लाभ के रूप में पालिसी धारक को, बीमित रकम + पूरे पालिसी अवधि तक जमा हुआ बोनस + फाइनल एडिशनल बोनस(अगर कुछ है तो) का भुगतान किया जाता है। इसके बाद जब कभी भी पालिसी धारक की मृत्यु होती है(पालिसी अवधि के बाद भी) तो, नॉमिनी को मृत्यु लाभ के रूप में फिर से बीमित रकम का भुगतान किया जाता है।
अगर पालिसी अवधि के दौरान, पालिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को, मृत्यु लाभ का भुगतान किया जाता है। जिसकी गणना इस प्रकार होती है।
मृत्यु पर बीमित रकम + मृत्यु तक जमा हुआ बोनस + फाइनल एडिशन बोनस(अगर कुछ है तो)
मृत्यु पर मिलनेवाले बीमित रकम का आश्वासन इस प्रकार है,
मृत्यु पर मिलनेवाला बीमित रकम, मूल बीमित रकम का 125% या वार्षिक प्रीमियम का 10 गुणा या मृत्यु तक भरे हुए प्रीमियम का 105% तीनों में से जो अधिक हो वो होगा,
हम आपको उदाहरण के साथ न्यू जीवन आनंद की कार्यप्रणाली को समझायेंगे,
उदाहरण: 35 साल के नवीन, एलआईसी की न्यू जीवन आनंद योजना खरीदते हैं। 5 लाख के बीमित रकम के साथ वो 20 साल के लिए वह इस योजना में निवेश करते हैं।
इसके तहत नवीन को वार्षिक प्रीमियम के रूप में Rs. 30,273(कर के साथ) का भुगतान 20 वर्ष तक करना होगा।
अन्य मानक:
हर साल घोषित होनेवाला सिंपल रीवर्सनरी बोनस = Rs. 45/1000 बीमित रकम पर
अर्थात हर साल, 45 X (5,00,000/1,000) = Rs. 22,500 का बोनस।
नोट: इसकी कोई गारंटी नहीं है की, ऊपर दिया गया बोनस दर ही लागू हो। हर साल यह कम या अधिक हो सकता है।
फाइनल एडीशन बोनस = Rs. 20/1000 बीमित रकम पर
अर्थात पालिसी के अंत में, 20 X (5,00,000/1,000) = Rs. 10,000 का फाइनल एडीशन बोनस।
सिनेरिओ(परिदृश्य)1: नवीन, पालिसी अवधि के अंत तक जीवित रहते हैं।
इस केस में, एलआईसी द्वारा नवीन को बीमित रकम के साथ जमा हुआ सिंपल रिवर्सनरी बोनस और फाइनल एडीशन बोनस(अगर कंपनी ने घोषित की है तो) का भुगतान किया जाएगा।
उसे मिलेगा: बीमित रकम + 20 साल में जमा हुआ बोनस (सिंपल रिवर्सनरी बोनस ) + फाइनल एडीशन बोनस(अगर कंपनी ने घोषित की है तो)।
अर्थात नवीन को मैच्युरिटी(परिपक्वता) राशि के रूप में,
Rs. 5,00,000 + (Rs. 22,500 x 20) + Rs. 10,000 = Rs.. 9,60,000/- का भुगतान किया जायगा।
इसके अतिरिक्त, पालिसी अवधि के बाद भी जब नवीन की मृत्यु होगी तब उनके नॉमिनी को बीमित रकम(Rs. 5,00,000) का भुगतान किया जाएगा।
सिनेरिओ(परिदृश्य)2: अगर नवीन की मृत्यु पालिसी अवधि के 17वें वर्ष में हो जाती है तो,
यहाँ, नवीन के नॉमिनी को मृत्यु पर बीमित रकम के साथ मृत्यु तक जमा हुआ बोनस और फाइनल एडीशन बोनस(अगर कुछ है तो) का भुगतान किया जाएगा।
मृत्यु पर मिलनेवाला बीमित रकम, मूल बीमित रकम का 125% या वार्षिक प्रीमियम का 10 गुणा या मृत्यु तक भरे हुए प्रीमियम का 105% तीनों में से जो अधिक हो वो होगा,
तो,
मूल बीमित रकम का 125% = Rs. 5 लाख का 125% =Rs. 6,25,000/-
वार्षिक प्रीमियम का 10 गुणा = (30,273*10) = Rs. 3,02,730/-
मृत्यु तक भरे हुए प्रीमियम का 105% = (30,273*17) * 105% = Rs. 5,40,373/-
इसलिए, मृत्यु पर मिलनेवाला बीमित रकम उपर्युक्त तीनों विकल्पों में से सबसे अधिक वाला विकल्प होगा = Rs. 6,25,000/-
अर्थात उसके नॉमिनी को मृत्यु लाभ के रूप में = Rs. 6,25,000 + Rs. (22,500 x 17) + Rs. 10,000 = Rs. 10,17,500/- का भुगतान किया जाएगा।
मैच्युरिटी(परिपक्वता) लाभ: मैच्युरिटी पर पालिसी धारक को मूल बीमित रकम + जमा हुआ बोनस + फाइनल एडीशन बोनस(अगर कुछ है तो) का भुगतान किया जाएगा।
मृत्यु लाभ: इस योजना में मृत्यु होने की अवधि पर मृत्यु लाभ निर्भर करता है।
मृत्यु पर बीमित रकम का चुनाव निम्नलिखित में से जो ज्यादा हो, उसका किया जाता है।
बोनस: इस योजना के अंतर्गत सिंपल रीवर्सनरी बोनस की घोषणा, कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। फाइनल एडीशन बोनस, योजना के परिपक्व होने पर या मृत्यु होने पर मिल सकता है।
एलआईसी न्यू जीवन आनंद के नमूना प्रीमियम का चित्रण :
यहाँ पर एक स्वस्थ्य, धूम्रपान नहीं करनेवाले पुरुष की प्रीमियम दरें, उसके उम्र और पालिसी अवधि की अलग-अलग संयोजन नमूना के तौर पर तालिका में दिए गए हैं।
उम्र | 15 वर्ष की पालिसी अवधि | 25 वर्ष की पालिसी अवधि | 35 वर्ष की पालिसी अवधि |
20 वर्ष | 39,525 | 22,150 | 14,975 |
30 वर्ष | 41,225 | 23,375 | 16,150 |
40 वर्ष | 44,100 | 25,700 | 18,550 |
कम से कम |
अधिक से अधिक |
|
बीमित रकम ( Rs) |
1,00,000 |
कोई सीमा नहीं |
पालिसी अवधि (वर्ष) |
15 |
35 |
प्रीमियम भुगतान की अवधि (वर्ष) |
5 |
57 |
पालिसी धारक की प्रवेश आयु(अंतिम जन्मदिन से) |
18 वर्ष |
50 वर्ष |
मैचुरिटी आयु(वर्ष) |
- |
75 |
भुगतान मोड |
वार्षिक, छमाही, तिमाही, मासिक |
प्रीमियम: इस योजना में भरे जानेवाले प्रीमियम पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट दी गई है। अधिक से अधिक 1.5 लाख की छूट का लाभ उठाया जा सकता है। इस छूट को क्लेम करने के लिए आपके प्रीमियम का भुगतान, बीमित रकम का 10% होना चाहिए।
मैच्युरिटी(परिपक्वता) लाभ: इस योजना के तहत मैचुरिटी(परिपक्वता) पर मिलनेवाले लाभ में आयकर अधिनियम की धारा 10(10D) के तहत छूट दी गई है। इस छूट को क्लेम करने के लिए बीमित रकम, प्रीमियम भुगतान का 10 गुणा होना चाहिए।
मृत्यु लाभ: इस योजना में मृत्यु पर मिलनेवाला लाभ में आयकर अधिनियम की धारा 10(10D) के तहत छूट दी गई है। क्लेम राशि की कोई सीमा नहीं है।
पेड अप मुल्य : अगर कम से कम तीन वर्षों के प्रीमियम का भुगतान किया गया है, तो तो पालिसी, पेड अप पालिसी में बदल जाती है। इस पेड अप पालिसी में मिलनेवाली राशि के भुगतान की गणना इस प्रकार है, बीमित रकम को, भुगतान की गई प्रीमियम और वास्तविक देय प्रीमियम के अनुपात से कम किया जाता है। इस गणना से जो रकम मिलती है उसमें जमा हुआ बोनस भी जोड़ा जाता है। पेड अप पालिसी में भविष्य में मिलनेवाला बोनस नहीं जोड़ा जाता है। और इस पेड अप रकम का भुगतान एलआईसी द्वारा मैचुरिटी(परिपक्वता) या मृत्यु पर किया जाता है।
सरेंडर(समर्पण) मुल्य: अगर पालिसी धारक चाहे तो पालिसी सरेंडर कर सकता है, और सरेंडर मुल्य प्राप्त कर सकता है। लेकिन सरेंडर मुल्य तभी लागू होती है जब आपने पालिसी के तहत पहले तीन वर्ष का प्रीमियम भरा है। पालिसी सरेंडर करने पर गारंटीड सरेंडर वैल्यू और स्पेशल सरेंडर वैल्यू में से जो भी अधिक है उसका भुगतान किया जाता है। इसकी गणना इस प्रकार की जाती है।
गारंटीड सरेंडर वैल्यू = (भुगतान किया गया कुल प्रीमियम * गारंटीड सरेंडर वैल्यू फैक्टर ) + (जमा हुआ बोनस * बोनस का गारंटीड सरेंडर वैल्यू फैक्टर)
स्पेशल सरेंडर वैल्यू = इसकी गणना कंपनी द्वारा उसके भविष्य के प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।
फ्री लुक पीरियड: अगर पालिसी धारक इस योजना से खुश नहीं है तो, वह इस योजना को खरीदने के 15 दिन के भीतर इसे रद्द कर सकता है। इस अवधि को फ्री लुक पीरियड कहा जाता है। योजना के रद्द होने के बाद आपके प्रीमियम को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के वापस लौटा दिया जाता है।
अगर पालिसी खरीदने के 12 महिने के भीतर पालिसी धारक आत्महत्या कर लेता है, तो उसके नॉमिनी को भरे हुए प्रीमियम के 80% का भुगतान किया जाएगा।
अगर पालिसी रिवाइवल(पुनर्जीवन) के 12 महिने के भीतर पालिसी धारक आत्महत्या कर लेता है, तो भरे हुए प्रीमियम का 80% या सरेंडर मुल्य दोनों में से जो अधिक हो उसका भुगतान नॉमिनी को किया जायगा।
यह एक ऑफलाइन योजना है, जो कंपनी के बिचौलियों अर्थात एजेंट या ब्रोकर से खरीदा जा सकता है। इसे कंपनी की किसी शाखा में जाकर या कंपनी के किसी अधिकारी के माध्यम से भी खरीदा जा सकता है।
एलआईसी की न्यू जीवन आनंद योजना खरीदने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने' की आवश्यकता होती है।
मैच्योरिटी क्लेम करना बहुत आसन है। मैच्योरिटी लाभ के लिए पालिसी धारक को क्लेम डिस्चार्ज फार्म भरकर, हस्ताक्षर करके उसके साथ ओरिजिनल पालिसी डॉक्यूमेंट, NEFT फार्म और अगर जन्म प्रमाण की तिथि पहले नहीं जमा की गई है, तो उसकी भी एक कॉपी, कंपनी में प्रस्तुत करना होता है।
मृत्यु क्लेम कैसे करें?
मृत्यु क्लेम के मामले में नॉमिनी को डिस्चार्ज फार्म भरना होता है और उसके साथ साथ उसे,
बोनस की दर तय नहीं है। यह केवल कंपनी के प्रदर्शन पर ही निर्भर करती है। किसी भी फाईनेंसियल वर्ष में आपको बोनस तभी मिलता है, जब उस फाईनेंसियल वर्ष में कंपनी ने लाभ कमाया हो।
इस योजना के अंतर्गत किस प्रकार के बोनस की घोषणा की जाती है?
इस योजना में पालिसी अवधि के दौरान आपको सिंपल रिवर्सनरी बोनस हर वर्ष मिलता है। पालिसी अवधि के दौरान मृत्यु पर या मैच्युरिटी(परिपक्वता) पर, सिंपल रिवर्सनरी बोनस के अतिरिक्त आपको फाइनल एडीशन बोनस का भुगतान भी किया जा सकता है।
क्या इस योजना के अंतर्गत राइडर की सुविधा उपलब्ध है?
हाँ। इस योजना के तहत आप वैकल्पिक तौर पर दुर्घटना मृत्यु और दिव्यांगता लाभ राइडर में से कोई भी ले सकते हैं। इसे 18 से 70 वर्ष के आयु वर्ग के लोग न्यूनतम Rs. 1 लाख के बीमित रकम के लिए या अधिकतम Rs. 1 करोड़ की बीमित रकम के लिए ले सकते हैं।
क्या इस योजना के तहत प्रीमियम पर कोई छूट है?
यह योजना दो प्रकार से प्रीमियम पर छूट देती है।
क्या इस योजना के तहत लोन की सुविधा उपलब्ध है?
जी हाँ। इस योजना के तहत अगर आपने पहले तीन वर्ष का प्रीमियम भरा है और योजना ने सरेंडर मुल्य का अधिग्रहण कर लिया है, तो इस योजना के तहत आप लोन ले सकते हैं।
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